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अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हम योग करते है , धारणाएं भी है ,फिर भी बाबा हमसे बात नहीं करते हम अकेले ही बातें करते हैं !

अनेक आत्माओं के मन में आता है ,बाबा हम से बात नहीं करते सिर्फ हम अकेले ही बात करते रहते हैं बाबा की वायब्रेशन हमें टच नहीं होते । तो इसका कारण है आत्मिक निराकारी स्थिती की कमी , निर्विकारी  स्थिती का अभाव । चेक करो हम सारा दिन में कितनी बार निराकारी स्थिती में रहे ?निराकारी बनना यानी वाईसलेस बनना । शांत ! पूर्णतः शांत ! संपूर्ण व्यर्थ से मुक्त ! देह के भान को भूल जाना । जो आत्माएं ज्यादा समय निराकारी स्थिती में स्थित होगी उनको ही बाबा की आवाज सुनाई देगी ।और वायब्रेशन की टचिंग होगी ।निराकारी स्थिती में ज्यादा समय वहीं आत्माएं स्थित रह सकती है जो आत्माएं संपूर्ण निर्विकारी है जिसने माया पर संपूर्ण विजय पायी है और उसके साथ साथ संपूर्ण निरहंकारी भी बनना जरुरी है । जिनका मैं और मेरापन पूर्णतः खत्म हो जाता है । उनका मन निर्मल हो जाता है ।  बुध्दी दिव्य बनती है  । उनको ही बाबा आवाज सुनाई देगी  और बाबा के वायब्रेशन टचिंग होंगे । ओम शांति